स्वर्ग लोक से भू पर आवति पावनि गंगा
सुकृति बिछावति डोलति गाँवनि गाँवनि गंगा
प्रभु पद कंज पखारि धराइल ब्रह्म कमंडल
जोहि निमित्त तप कीन भगीरथ राजा अविचल
ब्रह्मद्रव बहि शिव जटानि में आइ समाइल
उतरि हिमालय आइल सबकर जीव जुड़ाइल
भगीरथी भगति की धार बहावनि गंगा
सुकृति बिछावति डोलति गाँवनि गाँवनि गंगा
गोमुख गंगोतरि उत्तरकासी-सुख परसति
चंचल चाल निहारति संगम संगम हरसति
उछरति कूदति डाँकति गति ढारन पर बाढ़ति
उढ़ुकति लुढ़ुकति भागति फुफुकारति फन काढ़ति
गति की गति असलागति परम भयावनि गंगा
सुकृति बिछावति डोलति गाँवनि गाँवनि गंगा
आवति हरहराति हर हर हर हिय हिलकोरति
प्रतिपल प्रवहमान पग पग पर पुत्र पछोरति
उतरत भूइँ पहारन से पथ-पाथर टारति
कल कल करत निनाद निरंतर पाप बहारति
कवि-कुल-कीरति कलस समान सुहावनि गंगा
सुकृति बिछवति डोलति गाँवनि गाँवनि गंगा
कोरि जुड़ावति घाटिन भरि अँकवारिन भेंटति
पसरति पुत्र पसारति कबहुक सिमटि समेटति
चोट खाइ ख्ट्टाननि चीखति चलति ढकेलति
ठिठकत ठोकर खात बिघन डहरिन कै ठेलति
तनिक न ठहरति ठमकति ठावनि ठावनि गंगा
सुकृति बिछावति डोलति गाँवनि गाँवनि गंगा
विदा होति बिछुरत नइहर हर सिखर निहारति
पिघलि पिघलि हिम बहति नीर नैनन से ढारति
मोह अउर ममता माटी कै हिया करोवति
रोवति असह पीर ढोवति सबकर मन टोवति
नीति नेह निरबाहति लगति लुभावनि गंगा
सुकृति बिछावति डोलति गाँवनि गाँवनि गंगा
गंगा सभकर सबही के अपनै अस जानति
भेद भाव ना राखति एक समानै मानति
ममता भरल स्नेह सुख गंगा सबके बाँटति
भेदभाव ना राखति एक समानै मानति
ममता के समता के पाठ पढ़ावनि गंगा
सुकृति बिछावति डोलति गाँवनि गाँवनि गंगा